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4 Aug 2023 · 1 min read

बादल

आओ बादल आओ बादल।
आकर नभ में छाओ बादल।

प्यासी धरती तुझे पुकारे,
छम-छम जल बरसाओ बादल।

जीव-जन्तु सब तड़प रहें हैं
सबकी प्यास बुझाओ बादल।

ताल तलैया सूख रहें हैं,
उसमें जल भर जाओ बादल।

ठूंठ बने हैं तरुवर तुम बिन,
हरियाली फैलाओ बादल।

तड़-तड़-तड़-तड़ तड़क-तड़क कर,
जमकर ढोल बजाओ बादल।

सावन के पावन मौसम में,
गीत खुशी के गाओ बादल।
-लक्ष्मी सिंह
नई दिल्ली

5 Likes · 8 Comments · 392 Views
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