बादल थम गये
धरा सुंदर रूप धरे,
खेत खलिहान सब हरे,
नदी नाले सब है भरे,
देखो देखो सुंदर नजारे,
गये बरसकर बादल,
गलियों में भर आया जल,
धीरे धीरे अब तू चल,
दूर हुई जमी हुई धूल,
खिल उठे सुंदर फूल,
नाचने लगा देखो मोर,
नभ में छाई घटा घनघोर,
चमक रही दूर दामिनी,
करवट बदल रही कामिनी,
बादल भी अब थम गये,
फिर भी साजन घर न आये,
।।।जेपीएल।।।