बादलों से घिरता और टकराता हुआ…
बादलों से घिरता और टकराता हुआ,
बहुत दूर तक पहुँचा फड़फड़ाता हुआ ।।
किसी ज़ख़्म से कहाँ डरता मैं यारो,
डरा तो बस अपनों से दूर जाता हुआ ।।
#हनीफ़_शिकोहाबादी
बादलों से घिरता और टकराता हुआ,
बहुत दूर तक पहुँचा फड़फड़ाता हुआ ।।
किसी ज़ख़्म से कहाँ डरता मैं यारो,
डरा तो बस अपनों से दूर जाता हुआ ।।
#हनीफ़_शिकोहाबादी