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25 Jan 2024 · 1 min read

बात

कोई दिन ढले तो बात हो जाये
कोई रात जले तो बात हो जाये

कुछ सिसकते पलों को समेट लूं
कोई फिर मिले तो बात हो जाये

कुछ निकालूँ मन की भड़ास मैं भी
कोई झगड़े जो तो बात हो जाये

तलाश सुकूँ की तुझे भी मुझे भी
कोई दौर चले तो बात हो जाये

अजय मिश्र

Language: Hindi
187 Views
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