बात
कुछ कहते कहते, कुछ सुनते सुनते ,
उम्र बीत गई ,कुछ सहते सहते,
बात कभी बन गई ,कभी बिगड़ गई,
कभी बतंगड़ बन गई,
कुछ कही, कभी अनकही,
दूर तक गई,
कभी लग गई , कभी दिल में
चुभ कर रह गई,
कभी समझ ना आ सकी,
कभी समझा गई,
कभी सटीक, कभी दोहरी,
होकर रह गई,
कभी भड़का गई,
कभी बहका गई,
कभी लड़ गई,
कभी लड़वा गई,
कभी पास ले आई,
कभी दूर कर गई,
कभी बसा गई ,
कभी उजाड़ कर रख गई,
कभी आसमान पर बिठा गई,
कभी धरती पर गिरा गई,
कभी उलझा कर रख गई,
कभी उलझन सुलझा गई,
कभी दिली सुकून दे गई,
कभी दिल जला गई,
इन बातों बातों के चक्कर में,
ज़िंदगी गुज़र कर रह गई।