बात हो जाए (गीतिका)
बात हो जाए
(गीतिका)
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सामने आओ कभी तो बात हो जाए।
और फिर कोई सुखद सौगात हो जाए।
चाँद निकला चाँदनी बिखरी मधुर सुन्दर,
तुम मिलो तो नेह की बरसात हो जाए।
देशवासी शांति से जीवन करें यापन,
शक्ति का आतंक पर आघात हो जाए।
हो गया हर ओर मौसम खुशनुमा देखो,
खूबसूरत आज हर ख्यालात हो जाए।
स्नेह का स्पंदन दिलों में हो सदा अविरल,
नफरतों से मुक्त हर जज़्बात हो जाए।
गर्मियों में राहतें लेकर बरसते घन,
उच्च शिखरों पर कभी हिमपात हो जाए।
बेटियां हर क्षेत्र में आगे बढ़ाएं सब,
हर सही बिगड़ा हुआ अनुपात हो जाए।
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-सुरेन्द्रपाल वैद्य, ०६/०६/२०१९