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15 Apr 2023 · 1 min read

बात-बात पर क्रोध से, बढ़ता मन-संताप।

बात-बात पर क्रोध से, बढ़ता मन-संताप।
वशीभूत प्रतिशोध के, करे अहित नर आप।।

क्षणभर का आवेग यह, देर तलक दे शोक।
भाव प्रबल प्रतिशोध का, किसी तरह भी रोक।।

© सीमा अग्रवाल
मुरादाबाद

Language: Hindi
1 Like · 638 Views
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