बात बदल कर देखे
चलो अब चाल
बदल कर देखते हैं
जिंदगी के साथ
जिंदगी बन के देखते हैं
मरे ख्वाबों को जिंदा करके देखते हैं
दिल का रिश्ता भी
सोचो क्या रिश्ता है
इक शोर हैं धडकनों मैं
धुआं धुआं घुला हैं फिजाओं में
तेरे ही नगमे तेरे ही गुलाब हैं
मामूली सी बातें तेरी
ना – मामूली सा प्यार
ख़ामोश सी आंखे
आंखों में अनकहा सा
ना तुमने कसम दी
ना मैने कोई अहद किया
इक अनकहा सा
तेरा ऐतबार तेरा इकरार
तेरी मामूली सी बातों में
छुपी है
दो जिंदगियां जैसे