Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
24 Jan 2024 · 1 min read

बात पते की कहती नानी।

आओ बच्चों सुनो कहानी|
बात पते की कहती नानी|

प्रात काल तुम जल्दी उठना।
अच्छी-अच्छी पुस्तक पढना|
मात पिता की सेवा करना।
जीवन में तुम आगे बढ़ना।
कभी नहीं करना मनमानी।
बात पते की कहती नानी।

जीव जंतु को नहीं सताना|
करवाहट तुम मत अपनाना|
सदा बड़ों का आदर करना|
डटकर हर मुश्किल से लड़ना|
पहुँचाना न किसी को हानी|
बात पते की कहती नानी।

हरे-भरे तुम पेड़ लगाना|
धरती को तुम स्वर्ग बनाना|
कूड़ा कचरा मत फैलाना|
अवनी की तुम जान बचाना|
व्यर्थ बहाना मत तुम पानी|
बात पते की कहती नानी।
वेधा सिंह

Language: Hindi
Tag: गीत
1 Like · 120 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
Books from Vedha Singh
View all
You may also like:
जमाने को खुद पे
जमाने को खुद पे
A🇨🇭maanush
बड़े बुजुर्गों ,माता पिता का सम्मान ,
बड़े बुजुर्गों ,माता पिता का सम्मान ,
ओनिका सेतिया 'अनु '
मन  के  दरवाजे पर  दस्तक  देकर  चला  गया।
मन के दरवाजे पर दस्तक देकर चला गया।
रामनाथ साहू 'ननकी' (छ.ग.)
*उत्साह जरूरी जीवन में, ऊर्जा नित मन में भरी रहे (राधेश्यामी
*उत्साह जरूरी जीवन में, ऊर्जा नित मन में भरी रहे (राधेश्यामी
Ravi Prakash
बेख़बर
बेख़बर
Shyam Sundar Subramanian
23/111.*छत्तीसगढ़ी पूर्णिका*
23/111.*छत्तीसगढ़ी पूर्णिका*
Dr.Khedu Bharti
कर्मा
कर्मा
शालिनी राय 'डिम्पल'✍️
जीवन के पल दो चार
जीवन के पल दो चार
Bodhisatva kastooriya
कुछ तो लॉयर हैं चंडुल
कुछ तो लॉयर हैं चंडुल
AJAY AMITABH SUMAN
बेवजह यूं ही
बेवजह यूं ही
Surinder blackpen
कुछ लोग
कुछ लोग
सुशील मिश्रा ' क्षितिज राज '
**माटी जन्मभूमि की**
**माटी जन्मभूमि की**
लक्ष्मण 'बिजनौरी'
बावन यही हैं वर्ण हमारे
बावन यही हैं वर्ण हमारे
Jatashankar Prajapati
कैसे बदला जायेगा वो माहौल
कैसे बदला जायेगा वो माहौल
Keshav kishor Kumar
कैसे कह दूँ ?
कैसे कह दूँ ?
Buddha Prakash
निराकार परब्रह्म
निराकार परब्रह्म
भवानी सिंह धानका 'भूधर'
मेरे जीवन में फूल-फूल,
मेरे जीवन में फूल-फूल,
हिमांशु Kulshrestha
इश्क़ लिखने पढ़ने में उलझ गया,
इश्क़ लिखने पढ़ने में उलझ गया,
डॉ. शशांक शर्मा "रईस"
माँ ....लघु कथा
माँ ....लघु कथा
sushil sarna
सिर्फ इंसान होना ही काफी नहीं है
सिर्फ इंसान होना ही काफी नहीं है
Ranjeet kumar patre
" भाव "
Dr. Kishan tandon kranti
उम्मीद बाक़ी है
उम्मीद बाक़ी है
Dr. Rajeev Jain
କାଗଜ ପକ୍ଷୀ
କାଗଜ ପକ୍ଷୀ
Otteri Selvakumar
You never know when the prolixity of destiny can twirl your
You never know when the prolixity of destiny can twirl your
Chaahat
।।
।।
*प्रणय प्रभात*
You can't skip chapters, that's not how life works. You have
You can't skip chapters, that's not how life works. You have
पूर्वार्थ
دل کا
دل کا
Dr fauzia Naseem shad
कर्म
कर्म
इंजी. संजय श्रीवास्तव
ज़िन्दगी! कांई कैवूं
ज़िन्दगी! कांई कैवूं
जितेन्द्र गहलोत धुम्बड़िया
माना इंसान अज्ञानता में ग़लती करता है,
माना इंसान अज्ञानता में ग़लती करता है,
Ajit Kumar "Karn"
Loading...