बात न बनती युद्ध से, होता बस संहार।
बात न बनती युद्ध से, होता बस संहार।
त्राहित्राहि जनता करे, हर सूं हाहाकार।।
दुनिया एक कुटुंब है, रहें सभी मिल साथ।
स्वार्थ पूर्ण इस जंग से, आएगा क्या हाथ ?।।
© सीमा अग्रवाल
मुरादाबाद
बात न बनती युद्ध से, होता बस संहार।
त्राहित्राहि जनता करे, हर सूं हाहाकार।।
दुनिया एक कुटुंब है, रहें सभी मिल साथ।
स्वार्थ पूर्ण इस जंग से, आएगा क्या हाथ ?।।
© सीमा अग्रवाल
मुरादाबाद