Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
20 May 2017 · 1 min read

बात तो तब होती

बात तो तब होती
जब तेरे मेरे दरमियां
कुछ बात होती।
जब भीतर कोई चिनगारी हो
तो गर्माहट महसूस होती है,
लेकिन तुम हमेशा से
ठंडे से ही मिले ।
इसलिए बातों में भी
बात न थी।
मेरी आवाज ,
लौटती सी आ गई सदा
किसी बैरंग चिठ्ठी की तरह,
मानो किसी सूनसान वादी में
खुद ही ने खुद को
पुकारा हो,
और हवाओं को
चीरते हुए
मेरी ही आवाज
लौट आई हो मुझ तक।
फिर कोशिश की
कि तुम्हे ही सुन लूं
पर तुमने अपने दिल के दरवाजे
खोले ही न थे कभी,
न अपनी आवाज
बाहर जाने दी तुमने,
न हमारी अंदर आने दी तुमने।
कुछ दिन
उस दरवाजे को
खोलने की नाकाम
कोशिश की हमने,
झांकते रहे तुम्हारे
दिल की दीवारों के बाहर से,
तुम्हारी खामोशी में
छिपे एहसासों को
पढने के लिए।
लेकिन अब ये
लुकाछिपी का खेल
बहुत हुआ।
अब अपनी हदें
जान ली हैं हमने।
अब तुम्हारे
उस दरवाजे
के पार
देखना
नही चाहते हैं हम,
जहां छिपी हो कोई ऐसी दास्तां
जिसे सह न पाए ये दिल।
अब तुम्हारे और मेरे बीच
की ये हद
बनी ही रहे तो अच्छा है,
न तुम्हारे किसे में
मैं जाऊं,
न तुम मेरे समंदर से
मुलाकात करो।

Language: Hindi
1 Like · 700 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
You may also like:
जी हां मजदूर हूं
जी हां मजदूर हूं
Anamika Tiwari 'annpurna '
ग़ज़ल
ग़ज़ल
Neelofar Khan
ओ माँ मेरी लाज रखो
ओ माँ मेरी लाज रखो
Basant Bhagawan Roy
"आशा" के दोहे '
Dr. Asha Kumar Rastogi M.D.(Medicine),DTCD
प्रथम दृष्ट्या प्यार
प्रथम दृष्ट्या प्यार
SURYA PRAKASH SHARMA
*आ गये हम दर तुम्हारे,दिल चुराने के लिए*
*आ गये हम दर तुम्हारे,दिल चुराने के लिए*
सुखविंद्र सिंह मनसीरत
3744.💐 *पूर्णिका* 💐
3744.💐 *पूर्णिका* 💐
Dr.Khedu Bharti
भावात्मक
भावात्मक
Surya Barman
*पुस्तक समीक्षा*
*पुस्तक समीक्षा*
Ravi Prakash
क्षणिका :
क्षणिका :
sushil sarna
वादा
वादा
Bodhisatva kastooriya
*मेरे साथ तुम हो*
*मेरे साथ तुम हो*
Shashi kala vyas
हमेशा सच बोलने का इक तरीका यह भी है कि
हमेशा सच बोलने का इक तरीका यह भी है कि
Aarti sirsat
"ओम गुरुवे नमः"
Dr. Kishan tandon kranti
सोचते होंगे तुम
सोचते होंगे तुम
Dheerja Sharma
“अशान्त मन ,
“अशान्त मन ,
Neeraj kumar Soni
#तुम्हारा अभागा
#तुम्हारा अभागा
Amulyaa Ratan
#शीर्षक:-नमन-वंदन सब करते चलो।
#शीर्षक:-नमन-वंदन सब करते चलो।
Pratibha Pandey
भीतर की प्रकृति जुड़ने लगी है ‘
भीतर की प्रकृति जुड़ने लगी है ‘
Kshma Urmila
तारीफों में इतने मगरूर हो गए थे
तारीफों में इतने मगरूर हो गए थे
कवि दीपक बवेजा
आज देव दीपावली...
आज देव दीपावली...
डॉ.सीमा अग्रवाल
कन्यादान हुआ जब पूरा, आया समय विदाई का ।।
कन्यादान हुआ जब पूरा, आया समय विदाई का ।।
Rituraj shivem verma
अयोध्या धाम
अयोध्या धाम
विजय कुमार अग्रवाल
बोलती आंखें🙏
बोलती आंखें🙏
तारकेश्‍वर प्रसाद तरुण
दुखा कर दिल नहीं भरना कभी खलिहान तुम अपना
दुखा कर दिल नहीं भरना कभी खलिहान तुम अपना
Dr Archana Gupta
मैं भी डरती हूॅं
मैं भी डरती हूॅं
Mamta Singh Devaa
🙅आज का आह्वान🙅
🙅आज का आह्वान🙅
*प्रणय*
सच्चे रिश्ते वही होते है जहा  साथ खड़े रहने का
सच्चे रिश्ते वही होते है जहा साथ खड़े रहने का
पूर्वार्थ
*समय*
*समय*
अनिल कुमार गुप्ता 'अंजुम'
गर्मी आई
गर्मी आई
Dr. Pradeep Kumar Sharma
Loading...