बात जो दिल को छू गई
बात जो दिल को छू गई
06 अक्तूबर 2019 को जबलपुर से ट्रेन में सवार हो कर, मैं और नरेश खोखर घर वापसी के लिए निकले|
जबलपुर प्रवास के दौरान धुंआधार, रानी दुर्गावती का किला सहित तमाम दर्शनीय स्थल देखे, घूमे-फिरे| तमाम दर्शनीय स्थलों के मनभावन दृश्यों को अपने ‘चलत दूरभाष’ (मोबाइल) के कैमरे में कैद ही नहीं किए| बल्कि सोशल मिडीया के सुपर्द भी कर दिए| जिन पर अपने-पराए तमाम यूजर्स ने लाइक व कॉमेंट भी किए| जबलपुर से चलकर थोड़ा सा ही सफर तय किया था| मैं watsapp पर आई पोस्ट पढ़ रहा था| तभी राजेन्द्र कापसे द्वारा Watsapp पर भेजे संदेश पर मेरी नजर पड़ी| उन्होंने पूछा, “सर आप जबलपुर आये हैं कहाँ पर हैं?” मैंने रिप्लाई दिया “मैं निकल चुका हूँ जबलपुर से” फिर उन्होंने एक विडियो क्लिप भेजी| जो ब्लैक एंड व्हाइट मूवी “यादों की बारात” फिल्म की क्लिप थी| इस क्लिप में गीत है “ओ बसंती पवन पागल, ना जा रे ना जा” क्लिप के दृश्य धुंआधार के उन्ही स्थलों के थे| जहाँ-जहाँ हम घूम के आए थे| क्लिप देखकर मैंने उनसे फोन पर बात की| तो उन्होंने बताया वे जब्बलपुर से ही हैं| जब्बलपुर प्रवास से संबंधित सभी बातें सांझी की| उन्होंने कहा, ‘आपके आने का पहले पता होता जबलपुर में मुलाकात अवश्य करते| अभी सोशल मिडीया पर फोटो देखकर पता चला कि आप जबलपुर आए हो|” मैंने भविष्य में जबलपुर फिर आने का वादा किया और फोन काट दिया|
जबलपुर प्रवास, तमाम दर्शनीय स्थल, सभी गतिविधियां बेहद रोमांचक थी| इस यात्रा को लेकर हम बहुत उत्साहित थे| राजेन्द्र कापसे ने उक्त क्लिप भेज कर यात्रा का रोमांच और अधिक बढ़ा दिया|
-विनोद सिल्ला