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23 Jan 2021 · 1 min read

बात करते थे कभी ईशारो में

बात करते थे कभी ईशारों में
***********************
बात करते थे कभी ईशारो में,
जब कभी मिलते थे बाजारों में।

देखा करते थे छुप कर भीड़ में,
नजर आती थी हसीं बहारों में।

खड़े हो कर छत की मंडेर पर,
ढूंढ़ते थे तुम्हें चाँद सितारों में।

बादल गरजते थे आसमान में,
भीग जाते थे प्रेम बौछारों में।

बेसहारा छोड़ कर चले गए हैं,
शामिल थे वो हमारे सहारों में,

मनसीरत स्वप्न धूमिल हो गए,
जिंदा दफनाए गए चौराहो में।
***********************
सुखविंद्र सिंह मनसीरत
खेड़ी रा़ओ वाली (कैथल)

Language: Hindi
1 Like · 291 Views
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