बातों में
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बातों में
लोग कहते हैं कि होता है असर बातों में।
यूँ ही कट जाता है जीवन का सफर बातों में।।
अजनबी को भी वो अपना ही बना लेते हैं।
मुस्कुराहट से जो खुलते हैं अधर बातों में।।
चुभते खंजर से तो सीने में उतर जाते हैं।
बेवजह जब भी उगलते हैं जहर बातों में।।
एक गलती को छुपाने करे कितनी गलती।
शर्म से झुकती कई बार नज़र बातों में।।
लाजमी प्यार में शिकवे व शिकायत लेकिन।
बस करो यार न ढाओ येकहर बातों में।।
कितने अरमान सजाये हुए मैं बैठा हूँ ।
टाल देती है तू हर बार मगर बातों में।।
दिल की हसरत है कि मैं प्यार करूँ जी भरके।
कैसे काटूँ मैं बता यार उमर बातों में।।
बात कीजे वही महफ़िल में जरूरी हो जो।
वर्ना करते नहीं कोई भी कदर बातो में।।
✍?श्रीमती ज्योति श्रीवास्तव
साईंखेड़ा