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20 May 2024 · 1 min read

बातें ही बातें

खुली छतों पर
मनकही बतकही
कहीं खामोशियों में डूबी
खिलखिलाहटो की आहटें
आशाओं की डोरी से बंधी
खूबसूरत सौगातें
यह बातें ,वह बातें ,वह बातें ,हो बाते

चाची वो मामी
ताई की फुसफुसाहटे
ठहाकों को लगाम देती दादी की घुङकिया
खुशबुओ में बसे वो रिश्ते वो नाते
यह बातें वो बातें वो बातें वो बाते

कभी शोर मचाती
कभी खामोश जुबां से
चांदनी की कलम से
रूह पर लिख जाती बाते
जो मैने कही भी नही,
जान ली थी तुमने
कहानियों सी रातें
यह बातें वह बातें वो बातें

Language: Hindi
29 Views
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