बातें/मुलाकातें!
वैसे तो सारी बातें,
बातों में होती है
लेकिन कुछ खास बातें,
मुलाकातों में होती हैं।
मुलाकात भी किसी खास ,
किसी अपने के साथ ।
बंद चार दिवारी में ,
शाम को डिनर पर हो
मौसम थोड़ा ठंडा हो ,
लेकिन बात गर्म हो।
आवाज में हल्का जर्क,
लहज़े में अपनापन हो।
वह बात निराली होती है,
मुलाकात गजब होती है।
दिल को जो स्पर्श करे,
वह बात बात सी होती है।
-जारी
©कुल’दीप’ मिश्रा