Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
26 Mar 2020 · 2 min read

बातें दिल की

?????????
नमस्कार ! #_साहित्यपीडिया परिवार के लिए कुछ शेर पेश कर रहा हूं ….
आप सब की #_तबज्जो चाहूंगा…

कितनी आसानी से कह दिया कि तू मर गया मेरे लिये /

एक हम थे जो पूरी कायनात छोड़ बैठै थे तेरे लिये //

#राहुल_कुमार_सागर_बदायूंनी

बर्बाद हो गये हम इमान तक सौंप दिया तुझे /

मगर अफसोस तेरे काबिल न बने सके हम //

#राहुल_कुमार_सागर_बदायूंनी

तुमने गैरों से सुना और यकीं भी कर लिया /

भरोसा था तो जरा खुद से भी तो सोंचा होता //

#राहुल_कुमार_सागर_बदायूंनी

मुजरिम ठहरा दिया और सजा का भी ऐलान कर दिया /

पर बताया नहीं तुमने कि हमनें कौन सा गुनाह कर दिया //

#राहुल_कुमार_सागर_बदायूंनी

अगर गुनाह करता तो इल्जाम भी अपने सिर लेता मैं /

मेरा इश्क देख वेगुनाहागार होते हुये सजा कुबूल की है //

#राहुल_कुमार_सागर_बदायूंनी

दुनिया अलग थी तेरी फिर भी तेरे शहर आये हम /

पर पता न था कि तेरा दिल भी वेमतलब सा निकलेगा //

#राहुल_कुमार_सागर_बदायूंनी

इश्क मे बफा की यही तो खता थी न मेरी #_”सागर” /

तो सजा में वेवफाई से वेहतर मौत क्यों न दी तुमने //

#राहुल_कुमार_सागर_बदायूंनी

तेरी ये दौलत, शौहरत और जिस्म मुबारक हो तुझको ही /

दिल की दुनिया में तो सिर्फ मोहब्बत कुबूल की जाती है //

#राहुल_कुमार_सागर_बदायूंनी

आंखो में अश्क नहीं तो ये न समझ कि गम में नहीं मैं /

मेरे दिल में झांक कर देख समन्दर में तूफान से उठ रहें हैं //

#राहुल_कुमार_सागर_बदायूंनी

ऐ खुदा बुला ले करीब तू मुझे, शौक से जाह’उन्नम अदा फरमा /

किसी वेगुनाहागार की आंखो मे, मेरी बजह से “अश्क” छलके हैं //

#राहुल_कुमार_सागर_बदायूंनी

मस’अला किसी गैर को संभालने का होता तो संभाल लेते /

यहां मस’अला खुद का था सागर विखरना तो लाजिमी ही था //

#राहुल_कुमार_सागर_बदायूंनी

कोई मस’अला होता तो सुलाह करते हम /

पर गलतफहमी थी उसे , क्या करते हम //

#राहुल_कुमार_सागर_बदायूंनी

तू न था तो त’असल्ली थी, कि कोई नहीं है /

अब तू है पर मेरा नहीं, बता सब्र कैसे करूं मैं //

#राहुल_कुमार_सागर_बदायूंनी

हमें जिस्म की जरुरत होती तो बाजार चले जाते /

हमें तुझसे तो बस मुकम्मल ” प्यार ” चाहिए था //

#राहुल_कुमार_सागर_बदायूंनी

मुबारक हो तुझे रोशनी शहर की हमें नहीं भाती /

मैं गांव का हूं अंधेरे में भी चहेरे पहचान लेता हूं //

#राहुल_कुमार_सागर_बदायूंनी

?????????

Language: Hindi
2 Comments · 225 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
You may also like:
उम्मीद.............एक आशा
उम्मीद.............एक आशा
Neeraj Agarwal
चिंता
चिंता
RAKESH RAKESH
जिंदगी भर किया इंतजार
जिंदगी भर किया इंतजार
पूर्वार्थ
पावस में करती प्रकृति,
पावस में करती प्रकृति,
Mahendra Narayan
मेरा तुझसे मिलना, मिलकर इतना यूं करीब आ जाना।
मेरा तुझसे मिलना, मिलकर इतना यूं करीब आ जाना।
AVINASH (Avi...) MEHRA
Tum meri kalam ka lekh nahi ,
Tum meri kalam ka lekh nahi ,
Sakshi Tripathi
** मन मिलन **
** मन मिलन **
surenderpal vaidya
ज़ब तक धर्मों मे पाप धोने की व्यवस्था है
ज़ब तक धर्मों मे पाप धोने की व्यवस्था है
शेखर सिंह
जीत जुनून से तय होती है।
जीत जुनून से तय होती है।
Rj Anand Prajapati
तोड़ कर खुद को
तोड़ कर खुद को
Dr fauzia Naseem shad
दोहे
दोहे
अशोक कुमार ढोरिया
"अमर रहे गणतंत्र" (26 जनवरी 2024 पर विशेष)
Dr. Asha Kumar Rastogi M.D.(Medicine),DTCD
3184.*पूर्णिका*
3184.*पूर्णिका*
Dr.Khedu Bharti
हाइकु haiku
हाइकु haiku
राजीव नामदेव 'राना लिधौरी'
छोड़ जाएंगे
छोड़ जाएंगे
रोहताश वर्मा 'मुसाफिर'
16- उठो हिन्द के वीर जवानों
16- उठो हिन्द के वीर जवानों
Ajay Kumar Vimal
बस चार है कंधे
बस चार है कंधे
साहित्य गौरव
"पापा की परी"
Yogendra Chaturwedi
तन्हाई
तन्हाई
Dr. Ramesh Kumar Nirmesh
तुम नहीं बदले___
तुम नहीं बदले___
Rajesh vyas
सुनो पहाड़ की....!!! (भाग - ७)
सुनो पहाड़ की....!!! (भाग - ७)
Kanchan Khanna
मन मन्मथ
मन मन्मथ
अशोक शर्मा 'कटेठिया'
पसोपेश,,,उमेश के हाइकु
पसोपेश,,,उमेश के हाइकु
Umesh उमेश शुक्ल Shukla
Sometimes a thought comes
Sometimes a thought comes
Bidyadhar Mantry
हे!जगजीवन,हे जगनायक,
हे!जगजीवन,हे जगनायक,
Neelam Sharma
● रूम-पार्टनर
● रूम-पार्टनर
*Author प्रणय प्रभात*
छुप जाता है चाँद, जैसे बादलों की ओट में l
छुप जाता है चाँद, जैसे बादलों की ओट में l
सेजल गोस्वामी
“कवि की कविता”
“कवि की कविता”
DrLakshman Jha Parimal
हमारी हिन्दी ऊँच-नीच का भेदभाव नहीं करती.,
हमारी हिन्दी ऊँच-नीच का भेदभाव नहीं करती.,
SPK Sachin Lodhi
न दिखावा खातिर
न दिखावा खातिर
Satish Srijan
Loading...