Sahityapedia
Sign in
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
30 Apr 2024 · 1 min read

बाट तुम्हारी जोहती, कबसे मैं बेचैन।

बाट तुम्हारी जोहती, कबसे मैं बेचैन।
पलभर भी फिरते नहीं, इधर तुम्हारे नैन।।

चंदा तारों में रमा, तकती राह चकोर।
फेर मुँह एक बार तो, देखे उसकी ओर।।

© सीमा अग्रवाल

Language: Hindi
1 Like · 123 Views
Books from डॉ.सीमा अग्रवाल
View all

You may also like these posts

#काकोरी_दिवस_आज
#काकोरी_दिवस_आज
*प्रणय*
I love you Shiv
I love you Shiv
Arghyadeep Chakraborty
इश्क अमीरों का!
इश्क अमीरों का!
Sanjay ' शून्य'
दोहा त्रयी. . . शंका
दोहा त्रयी. . . शंका
sushil sarna
"ख़्वाहिशें"
Dr. Kishan tandon kranti
देते हैं जो मशविरा
देते हैं जो मशविरा
RAMESH SHARMA
इक ग़ज़ल जैसा गुनगुनाते हैं
इक ग़ज़ल जैसा गुनगुनाते हैं
Shweta Soni
अरमान
अरमान
इंजी. संजय श्रीवास्तव
धर्म अधर्म की बाते करते, पूरी मनवता को सतायेगा
धर्म अधर्म की बाते करते, पूरी मनवता को सतायेगा
Anil chobisa
उनकी आंखो मे बात अलग है
उनकी आंखो मे बात अलग है
Vansh Agarwal
तू खुद की इतनी तौहीन ना कर...
तू खुद की इतनी तौहीन ना कर...
Aarti sirsat
#लफ़्ज#
#लफ़्ज#
Madhavi Srivastava
जब आए शरण विभीषण तो प्रभु ने लंका का राज दिया।
जब आए शरण विभीषण तो प्रभु ने लंका का राज दिया।
Prabhu Nath Chaturvedi "कश्यप"
*आए लंका जीत कर, नगर अयोध्या-धाम(कुंडलिया)*
*आए लंका जीत कर, नगर अयोध्या-धाम(कुंडलिया)*
Ravi Prakash
मूझे वो अकेडमी वाला इश्क़ फ़िर से करना हैं,
मूझे वो अकेडमी वाला इश्क़ फ़िर से करना हैं,
Lohit Tamta
हर बार सफलता नहीं मिलती, कभी हार भी होती है
हर बार सफलता नहीं मिलती, कभी हार भी होती है
पूर्वार्थ
Dear Moon.......
Dear Moon.......
R. H. SRIDEVI
मर्दुम-बेज़ारी
मर्दुम-बेज़ारी
Shyam Sundar Subramanian
9.The Endless Search
9.The Endless Search
Santosh Khanna (world record holder)
तपन
तपन
Vivek Pandey
बेटा बेटी है एक समान,
बेटा बेटी है एक समान,
Rituraj shivem verma
ना प्रेम मिल सका ना दोस्ती मुकम्मल हुई...
ना प्रेम मिल सका ना दोस्ती मुकम्मल हुई...
Keshav kishor Kumar
हमारे प्यार की सरहद नहीं
हमारे प्यार की सरहद नहीं
Kshma Urmila
बरसात
बरसात
Ahtesham Ahmad
पीर
पीर
विनोद वर्मा ‘दुर्गेश’
*स्पंदन को वंदन*
*स्पंदन को वंदन*
DR ARUN KUMAR SHASTRI
2910.*पूर्णिका*
2910.*पूर्णिका*
Dr.Khedu Bharti
वो पिता है साहब , वो आंसू पीके रोता है।
वो पिता है साहब , वो आंसू पीके रोता है।
Abhishek Soni
व्यंग्य एक अनुभाव है +रमेशराज
व्यंग्य एक अनुभाव है +रमेशराज
कवि रमेशराज
हक़ीक़त ये अपनी जगह है
हक़ीक़त ये अपनी जगह है
Dr fauzia Naseem shad
Loading...