बह्र- 1222 1222 1222 1222 मुफ़ाईलुन मुफ़ाईलुन मुफ़ाईलुन मुफ़ाईलुन काफ़िया – सारा रदीफ़ – है
#मतला
कहे जाते वो रो-रो कर हमारा दिल तुम्हारा है ।
सभी से हँस के यूँ मिलना नहीं बिल्कुल गवारा है।
#हुस्न-ए-मतला
उसी का नूर है हर शय उसी को दिल पुकारा है ।
जहाँ देखो वहाँ मौजू़द मेरा कृष्ण प्यारा है।
#शेर
ये सच है होसला तैराक को साहिल से है मिलता,
अगर तेरा सहारा है भँवर भी अब किनारा है ।
#शेर
भरोसा कर ही लेते हैं सनम हम हार कर तुम पर,
करें हम क्या बहुत सच्चा लगे हर झूठ तुम्हारा है।
#गिरह
फलक पे उड़ते पंछी के पंख हम तो हैं गिन लेते,
हमारी उम्र कम है पर तजुर्बा ढेर सारा है।
#मक्ता़
तुम्हीं हो जान मेरी और तुम्हीं लखदे जिगर मेरा,
तु ही है चाँद सूरज और तु ही ‘नीलम’ सितारा है।
नीलम शर्मा ✍️