**बहुत सताया कोरोना ने**
है प्रकृति प्यारी मां धरती, भूल चूक सब माफ करो।
बहुत सताया कोरोना ने, इसको अब जग से साफ करो।
भूल हुई होगी कुछ हमसे , क्षमा मांगते हैं हम तुमसे।
अमन चैन आ जाए अब तो, फरियाद सुनो इंसाफ करो।।
नो मास से अस्त व्यस्त हैं, हो चुके अब लस्त हैं।
डर डर कर जिएं कहां तक, अब तो कोई बंदोबस्त करो।।
तुम्हारी गोद के फूल अनेकों, इसके कारण मुरझाए।
निर्मित कर दो ऐसी किरणे, जला के इसको खाक करो।।
देवदूत कोई बनकर आए, जड़ से इसको मार गिराए।
पटरी पर फिर लौटे दुनिया, विनती अनुनय स्वीकार करो।।
राजेश व्यास अनुनय