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3 Oct 2024 · 1 min read

बहुत बुरी होती है यह बेरोजगारी

बहुत बुरी होती है यह बेरोजगारी,
और हो जाते हैं आजिज सभी,
एक बेरोजगार इंसान से।

वो लोग जो कल थे अजीज अपने,
और करते हैं गर्व मुझ पर,
बतियाते थे मुझसे हँसकर,
अब करते हैं मेरी बुराई,
देते हैं मुझको सत्रह तानें,
क्योंकि अब मैं बेरोजगार हूँ,
इसलिए नहीं देता कोई सहारा,
और कर दिया है सभी ने मुझको दूर।

अब वो मुझको देखकर,
शर्म महसूस करते हैं,
क्योंकि मैंने उनका सिर झुका दिया है,
इसलिए कि अब मैं बेकार हूँ ,
अब मैं वह नहीं हूँ ,
जिसको वो कह सके गर्व से,
अपना खूं- इज्जत और शान।

दे दिया है अपनो ने अब,
मुझको वनवास दूर उनसे,
और रह रहा हूँ अब में,
दूर कहीं अज्ञातवास में,
क्योंकि अब मैं बेरोजगार हूँ ,
बहुत बुरी होती है यह बेरोजगारी।

शिक्षक एवं साहित्यकार
गुरुदीन वर्मा उर्फ़ जी. आज़ाद
तहसील एवं जिला- बारां(राजस्थान)

Language: Hindi
13 Views
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