बहुत बरस गुज़रने के बाद
बहुत बरस गुज़रने के बाद
उसे फिर से इक बार देखनें को जी चाहता है
और फिर बस देखतें रहनें को जी चाहता है
शिव प्रताप लोधी
बहुत बरस गुज़रने के बाद
उसे फिर से इक बार देखनें को जी चाहता है
और फिर बस देखतें रहनें को जी चाहता है
शिव प्रताप लोधी