बहुत दूर से चलकर आए है
बहुत दूर से चलकर आए है
उम्मीदों के खिलाड़ी।।।
अब आरज़ू से लड़ रहे है,
लेकर ख्वाइशों की कटारी।
इसी बिच दम तोड़ डाला है
एक सपने ने भी तनहा।।।
मची हुई है खलबली,
दौड़ रहा है शिकारी।
भू आकाश में फ़ैल रहा,
रेतीला तूफ़ान है।
काँप रहा सच कौने में,
उड रही है द्रोपदी की साडी।
तनहा शायर हूँ