तुम बहुत झूठे हो…
तुम बहुत झूठे हो
झूठा है तुम्हारा संसार
झूठ पर टिकी है तुम्हारी सियासत
और झूठ से ही चलती है रियासत
झूठे हैं संस्कार तुम्हारे
झूठा है तुम्हारा धर्म
झूठ से लबालब भरा है
आपके जीवन का हर कर्म ।
झूठ पर स्थापित हुई है
आपकी अनूठी दुनियां
झूठ से लबालब भरी हैं
आपके जीवन की रंगरेलियां।
झूठा है तुम्हारा प्यार
झूठा है तुम्हारा लगाव
झूठ से लबालब भरी है
ये झूठी तुम्हारी सहानुभूति।
झूठ से ही चल रहा है
आपके विचारों का दर्शन
झूठ से लबालब भरा है
आपका दिया हुआ मार्गदर्शन ।
झूठ की ईंटों से बनी है
आपकी ये चमचमाती इमारतें
झूठ से लबालब भरी हैं
आपकी ये झूठी इबादतें ।
झूठ के संसाधनों से
इकठ्ठा हुआ है धन बल
झूठ से लबालब भरा है
आपके धर्मों का मनोबल ।
झूठ की दीवारों पर टिका है
आपके विकास का दर्पण
झूठ से लबालब भरा है
आपके कर्मों का समर्पण