“बहुत कुछ शहीद होता है” ?
हां बहुत कुछ शहीद होता है
एक सैनिक के साथ
उम्र भर साथ निभाने की तसल्लियाँ
जो हर बार बीवी को देकर जाता था
और कुछ दिलासायें
जो उन नन्हों को हर बार
“पापा लायेंगे” ये कह कर मिलती थी
कुछ अधूरी अंकतालिकायें
जो सपनों से भरनी थी सभी…
कुछ सलाहें जो
भाई को भाई से लेनी थी अभी..
हाँ बहुत कुछ शहीद होता है
एक सैनिक के साथ
दीवाली की रौशनी
होली का रंग
और हाँ वो राखी के धागे भी….
पिता के थके हुए कन्धों का आराम
और माँ के घुटनो का इलाज़
परिवार का कल और आज
हाँ बहुत कुछ शहीद होता है
एक सैनिक के साथ
फिर भी ज़िंदा रहता है एक ज़ज़्बा
उसी घर से एक और फौजी बन जाने का
दुश्मन से निपट जाने का
तिरंगे में लिपट के आने का
नमन है इन शहीदों को
इनके परिवारों को……
“इंदु रिंकी वर्मा”©