बहुत कुछ पाना, बहुत कुछ खोना।
बहुत कुछ पाना, बहुत कुछ खोना।
कहीं मुस्कुराहट, कहीं दुःखों का रोना।
किसी को खुला आसमां,किसी को मिले बिछौना।
यूं ही चला है और चलता रहेगा….
जीवन में कुछ पाना और बहुत कुछ खोना।
पल-पल का अभिनन्दन है।।
स्वीकार है।।
अंग्रेजी नव वर्ष की हार्दिक शुभकामनाएं
💐💐💐😊
भगवती पारीक ‘मनु’