बहिष्कार
स्वदेशी अपना विदेशी माल का बहिष्कार किया
अंग्रेजो के चेहरो पर तमाचा जोर का मार दिया
हंसते-हंसते हरेक दर्द को हंसी मे दफना दिया
तन मन धन से हर एक पल अपना बिता दिया
अडिग रहे वो हमेशा ही अपने हरेक फैसले पर
उनकी बहादुरी देख पुरे देश ने उनका साथ दिया
आजादी दिला देश को वो तारा टिमटिमा गया
बापू ने सबको सत्य-अहिंसा का पाठ पढ़ा दिया
कथनी-करनी एक ही रही हमेशा गांधी जी की
पुरा जीवन भारतमाता की सेवा मे लगा दिया