बहिन जी
प्रगति पथ पर बढ़ो बहिन जी।
शिखर सब ऊँचे चढ़ो बहिन जी।।
बैठे-बैठे कब क्या होगा।
पड़े-पड़े मत सड़ो बहिन जी
भाई का भी नाम न डूबे।
चौके-छक्के जड़ो बहिन जी।।
कामना से भी मन विशुद्ध हो।
अंतर्मन से लड़ो बहिन जी।।
‘विजय’ तुम्हे कब तक टोकेगा।
मन से भी कुछ पढ़ो बहिन जी।।
विजय बेशर्म 9424750038