बहिन के अंगना भरदुतिया नत पूरब.
गोबर स निपल आंगन मे पिठारक अरिपन.
पिरही पर बैस बहिन के अंगना भरदुतिया नत पूरब.
भाई बहिन के निश्छल सिनेह समर्पण.
आश बहिन के राखब भैया जुग जुग अहाँ जीयब.
आई दौगल अबै हेतै हमरो भैया गाम स
बाट तकैत बहिन कहि भैया के नाम लअ
भैगना भैगनी सेहो खुशी मनबै छै
मामा अबै हथिन नाना गाम स
मामा एलै अपना बहिन गाम
भरदुतिया नत लेलकै केहेन सिनेहगर
भाए बहिन के पाबैन भरदुतिया अबौ
सबहक भाईक औरदा रहौ सब बहिन के आश रहौ.
जुग जुग जीबौ भाई बहिन सब
भरदुतिया मे बहिन अंगना नत पूरब.
कवि- किशन कारीगर
(©काॅपीराईट)