बहिना वाम विधाता ना ।
तोयद् तोय विहिन पहुँ छथि,
तोयज् के नञि आशा।
नोरे बोरल जीवन-यौवन,
पूरल नञि अभिलाषा ।।
बहिना वाम विधाता ना ।
पावस हमरो नयन समाएल,
नेह मुदा अछि प्यासल।
परुष पहुँ छथि बिसरल हमरो,
हम धनि छी हरिवासल।।
बहिना वाम विधाता ना
रहल वसन्तो रुसले हमरो,
पतझाड़क अछि आशा।
पूजल देव पितरकें बहुतो,
सभ केओ देलनि दिलाशा।।
बहिना वाम विधाता ना।।
हम छी यौवनसँ भरपुर।
प्राणपति भेला हमर निष्ठुर।
रखने अपनासँ छथि दुर।।
बहिना वाम विधाता ना ।।।
सावन प्यासल भादो प्यासल,
हमहूँ धनि छी प्यासल।
आब पहुँ जँ नञि घर औता,
यौवन हमरो भासल ,बहिना वाम.।।………..
कतेक सहब हम पूर्वा पछबा,
पवन बहए उनचासे।
सुखल नेहक गागर हमरो,
यौवन मधुघट नासे।।
बहिना वाम विधाता ना……..।
नारीक जीवन नरक हमर अछि ,
जरल हमर मधुमासे।
पहुँ प्रेमक बन्धन मे बान्हल,
हमर पहुँ छथि पाशे।।
बहिना वाम विधाता ना……