Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
7 May 2024 · 1 min read

बहारों के मौसम में तेरा साथ निभाने चला हूं

बहारों के मौसम में तेरा साथ निभाने चला हूं,
मन मस्ती में प्यार भरे गीत गुनगुनाने चला हूं!!

बारिश से मेरे हौसलों पर फर्क नहीं पड़ता,
एक तेरी उम्मीद की छतरी लिए बढ़ चला हूं !!

गुलाबी मौसम, भीगा समां, और मेरी बेचैनियां,
तेरे इश्क़ में सर-ब-सर होने को बढ़ चला हूं !!

बारिश की रिमझिम फुहार तेरे चेहरे पर आती है,
मेरे दिल को अपनी मीठी बूंदों से भीगा जाती है!!

तू कब तलक़ रहेगी, मेरे नजरों से यूं ओझल,
इश्क़ की भीगी बरसात में तुझ संग भींगने चला हूं!!

ऐ-सावन! तू आज ज़रा झूम झूम के बरस जा,
प्यार की अनकही एहसासों में झूमने चला हूं!!

वो मेरी राह तकती किसी मुंडेर पर बैठी होगी,
सावन के झूलों में उसके साथ बैठने चला हूं!!

अटखेलियां करते ना जानें कितने बरस बीत गए,
बारिश में भीगने, हंसने-खेलने, पीछे दौड़ने चला हूं!!

पंख फैलाए, मगन होकर नाचते मोर की तरह,
मस्ती में सराबोर, खुशी से साथ नाचने चला हूं!!

बारिश का ये मौसम, ये प्यार भरा मौसम है,
तुझसे दिल की प्यार भरी बातें करने चला हूं !!

©️ डॉ. शशांक शर्मा “रईस”

Language: Hindi
87 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
You may also like:
मुझको निभाना होगा अपना वचन
मुझको निभाना होगा अपना वचन
gurudeenverma198
चुनाव
चुनाव
Shashi Mahajan
बचाओं नीर
बचाओं नीर
krishna waghmare , कवि,लेखक,पेंटर
सत्य की खोज
सत्य की खोज
Sidhartha Mishra
बाल कविता: मेरा कुत्ता
बाल कविता: मेरा कुत्ता
Rajesh Kumar Arjun
#आज_की_बात-
#आज_की_बात-
*प्रणय*
मन की सूनी दीवारों पर,
मन की सूनी दीवारों पर,
हिमांशु Kulshrestha
शहर की गर्मी में वो छांव याद आता है, मस्ती में बीता जहाँ बचप
शहर की गर्मी में वो छांव याद आता है, मस्ती में बीता जहाँ बचप
Shubham Pandey (S P)
गीत-14-15
गीत-14-15
Dr. Sunita Singh
💐*सेहरा* 💐
💐*सेहरा* 💐
Ravi Prakash
प्यार का रिश्ता
प्यार का रिश्ता
Surinder blackpen
King of the 90s - Television
King of the 90s - Television
Bindesh kumar jha
अनमोल जीवन
अनमोल जीवन
Shriyansh Gupta
आप सच बताइयेगा
आप सच बताइयेगा
शेखर सिंह
भाल हो
भाल हो
डॉ प्रवीण कुमार श्रीवास्तव, प्रेम
उम्मीदों का सूरज ढलने लगा है
उम्मीदों का सूरज ढलने लगा है
पूर्वार्थ
चारु
चारु
NEW UPDATE
नए मौसम की चका चोंध में देश हमारा किधर गया
नए मौसम की चका चोंध में देश हमारा किधर गया
कवि दीपक बवेजा
जीवन सरल चाहते हो तो
जीवन सरल चाहते हो तो
करन ''केसरा''
फिर मुलाकात करेंगे ज़िंदगी से,
फिर मुलाकात करेंगे ज़िंदगी से,
डॉ. शशांक शर्मा "रईस"
2950.*पूर्णिका*
2950.*पूर्णिका*
Dr.Khedu Bharti
मर्यादित आचरण व बड़ों का सम्मान सही है,
मर्यादित आचरण व बड़ों का सम्मान सही है,
Ajit Kumar "Karn"
" किरदार "
Dr. Kishan tandon kranti
सूनी आंखों से भी सपने तो देख लेता है।
सूनी आंखों से भी सपने तो देख लेता है।
Prabhu Nath Chaturvedi "कश्यप"
तेरे साथ गुज़रे वो पल लिख रहा हूँ..!
तेरे साथ गुज़रे वो पल लिख रहा हूँ..!
पंकज परिंदा
सच तो तेरा मेरा प्यार हैं।
सच तो तेरा मेरा प्यार हैं।
Neeraj Agarwal
मईया का ध्यान लगा
मईया का ध्यान लगा
नंदलाल मणि त्रिपाठी पीताम्बर
हर चीज़ मुकम्मल लगती है,तुम साथ मेरे जब होते हो
हर चीज़ मुकम्मल लगती है,तुम साथ मेरे जब होते हो
Shweta Soni
अमृत पीना चाहता हर कोई,खुद को रख कर ध्यान।
अमृत पीना चाहता हर कोई,खुद को रख कर ध्यान।
विजय कुमार अग्रवाल
आँगन में दीवा मुरझाया
आँगन में दीवा मुरझाया
Shankar lal Dwivedi (1941-81)
Loading...