बहाना
हर किसी को हर किसी से प्राब्लम है अब
सिर्फ़ लड़ने का बहाना चाहते हैं लोग
ऐटमी हथियार के साये में रहकर भी
हर तरफ़ मौसम सुहाना चाहते हैं लोग
अम्न के जुमले सजाकर होंठ पर अपने
पीठ पर खंज़र चलाना चाहते हैं लोग
कौन रहना चाहता है ख़ुशदिली में अब
हर जगह झगड़ा बढ़ाना चाहते हैं लोग
झील औ’र तालाब नदिया हो गये सब खेत
अब समन्दर को सुखाना चाहते हैं लोग
शिवकुमार बिलगरामी