बहशीपन की हद पार कर गया आदमी ,
बहशीपन की हद पार कर गया आदमी ,
उसे औरत अब इंसान नहीं दिखती ।
उस पर विडंबना यह की ऐसे दरिंदे के लिए,
सरकार पास कोई भयंकर सजा नहीं मिलती।
बहशीपन की हद पार कर गया आदमी ,
उसे औरत अब इंसान नहीं दिखती ।
उस पर विडंबना यह की ऐसे दरिंदे के लिए,
सरकार पास कोई भयंकर सजा नहीं मिलती।