बहन! रक्षाबंधन विशेष!
कौन सी कविता लिंखू बहनों तुम्हारे लिए ,
कौन सा गीत लिंखू बहनों तुम्हारे लिए
तुम ही मेरी कविता ,गीतो की शब्दसः बोली हो ,
मेरी हर खुशियो की तुम ही तो रंगोली हो
तुम्हारे बिना न पता ये मेरा खुशनुमा बचपन,
खट्टा मीठा ये अल्हड रंगीन सा अपनापन,
तुमने ही तो चलना सिखलाया था मुझे,
गिर के उठाना कैसे है समझाया था मुझे।
तुम न होती तो शायद में अधूरा था,
तुम्हारे बिना तो मै न कभी पूरा था ,
तुमने कठिन त्याग किया ,विवाह या
तुम्हारेे बिना घर और मैं अधूरा था।
कैसे -कैसे !ये कर्ज तेरा ‘दीप’ चुकलायेगा
तेरे जैसा विशाल ह्रदय ‘दीप’ कहाँ से लाएगा।
दुआ करता है ये ‘दीप’ ईश्वर से ,
अगले जन्म में तुझे भगिनी के रूप पायेगा।
…..जारी