कौन सी कविता लिंखू ए बहन तेरे लिए ,
कौन सी कविता लिंखू ए बहन तेरे लिए ,
कौन सा गीत लिंखू ए बहन तेरे लिए ,
तू मेरे कविता ,गीतो की शब्दसः बोली है ,
मेरी हर खुशियो की तू ही तो रंगोली है ,
तेरे बिना न पता ये मेरा खुशनुमा बचपन,
खट्टा मीठा ये अल्हड रंगीन सा अपनापन,
तूने ही तो चलना सिखलाया था मुझे,
गिर के उठाना कैसे है समझाया था तूने ही
तू न होती तो सायद मै अधूरा था,
तेरे बिना तो मै कभी पूरा न था ,
तू मेरे लिए अपने स्वप्नों को भूल गयी
मै आगे बढ़ जाऊँ तू पढ़ाई तक छोंड गयी,
कैसे -कैसे !ये कर्ज तेरा भाई चुकलायेगा
दुआ करता हूँ ईस्वर से अगले जन्म में ,
तुझे ही “दीप” भगिनी के रूप पायेगा।
…..जारी