बहन भाई की जोड़ी
**** बहन भाई की जोड़ी ****
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बहन-भाई दोनों की हो जोड़ी,
निलय को पूर्ण करती हो जोड़ी।
बहन बिन भाई है खोया-खोया,
कलाई सूनी भरती हो जोड़ी।
बिना भाई बहनें मुरझाई रहती,
मुस्कान मुख फैलाती हो जोड़ी।
बहन-भाई का रिश्ता बहुमूल्य,
महक आंगन में छाती हो जोड़ी।
बुढ़ापे का साया बेटा मनसीरत,
सदा ही दुख की साथी हो जोड़ी।
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सुखविंद्र सिंह मनसीरत
खेड़ी राओ वाली (कैथल)