बहन की फरियाद
********बहन की फरियाद********
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माँ जाए ओ भाई तनिक बात तो सुन
दे रही हूँ दुहाई तनिक बात तो सुन
मुख फैलाए बैठा छोटी सी बात पर
दे रही हूँ सफाई तनिक बात तो सुन
कुछ भी नहीं रखा यहाँ सुन तकरार में
वाद को दे रिहाई तनिक बात तो सुन
तुम ही तात तुम ही भ्रातृ तुम ही मात
काहे की अंगड़ाई तनिक बात तो सुन
बहन भाई के स्नेह का बन्धन राखी
सुन्दर बेला आई तनिक बात तो सुन
रक्षाबन्धन भी आ गया तू मत तड़फा
आगे कर कलाई तनिक बात तो सुन
माँ बाप के बाद तुम से मायका जिंदा
मत कर तू रुसवाई तनिक बात तो सुन
बीता वक्त हाथ किसी के नहीं आया
रहेगी यहाँ तन्हाई तनिक बात तो सुन
यह सांस पखेरू उड़ जाएंगे एकदिन
बात तुम्हे बतलाई तनिक बात तो सुन
एक पेट में खाई लातें दोनों ने
दुख ना दे तू भाई तनिक बात तो सुन
परिस्थितियों और विपदाओं की मारी
पहले से दुखयारी तनिक बात तो सुन
रोली ,अक्षत ,कुमकुम से थाल सजाया
माथे तिलक लगाई तनिक बात तो सुन
सुखविंद्र सुन फरियाद बहना बुलावे
तात मात परछाई तनिक बात तो सुन
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सुखविंद्र सिंह मनसीरत
खेड़ी राओ वाली (कैथल)