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29 Mar 2024 · 2 min read

बहना तू सबला बन 🙏🙏

बहना तू सबला बन 🙏

🍀☘️☘️☘️☘️☘️

अनमोल तोहफ़ा हो जग का
कुद़रत अमूल्य नगीना भू का

जागों बहन जगा नारी को
वक्त है कहां जो सोयी हो

अचेतना से चेतना में आ
उठ जाग सचेत हो जाओ

संकट आन पड़ी बहना पर
चौंक चौराहे गली गलियारे

झाड़ी फूस और फूलबाड़ी में
पुकार रही निज प्राणों खातिर

आग लगा दे पापी पातक
अबला नहीं तू बन सबला

उठा खड़ग नाजुक बांहों
काट तोड़ मरोड़ कलाई

जिस पर रेशम राखी बांधी
भीरु पुरुष जब बन जाता है

पौरुष मुक बधीर हो जाता है
मुख जिह्वा हुंकार भरने लगता

जला ब्रह्माण्ड के पापी लंका
पीछे खड़ा है तेरा जग में भाई

तोड़ घमण्ड़ फोड़ दे आंखे
बुरी निगाह डाली बहना पे

मां रोती कहती बिटिया को
मैं आभागिन जन्म प्रदायनी

बिबस लाचार देख रही खड़ी
इंसाफ मांगने दौड़ रही शासन

प्रशासन कानून रखवालों से
पर भागम दोड़ से थक गई

इंसाफ नहीं चकना चूर हुई
निराश लाचार होता है जब

तलबार ले खड़ा हो जाता है
कठिन समस्या बढ़ जाती है

स्वतंत्रतादेवी की अश्रु बहती
न्यायमूर्ती लाचार बेबस होता

कानून पर कानून बनता है
न्याय एक का हुआ नहीं कि

दूजा सामने खड़ा हो जाता
इंसाफ मांग करने लगता है

मत छोड़ अकेली आज मुझे
नारी सम्मान बचा ले बिटिया

मैं भी तो किसी की बहना हूँ
हे ! मां बेटी जग की बहना !

सबल सर्तक जग जीवन जीयों
आबरू श्रृंगार स्वयं बचा सम्मान

गौरव देश अभिमान बनों
संदेश दे ! नारी ही लक्ष्मी दुर्गा

काली सरस्वती विपदा साथी
साहस हिम्मत बल भरने वाली

विद्वान धीर वीर बनाने वाली
आस्था संस्कार सीखाने वाली

आसन सिंहासन की शोभा हो
तू प्रकृति माता की मर्यादा हो

मत घबरा बहना शक्ति स्वरूपा
अर्धनारीश्वर इक नर नारायणी

ममतामयी जग कल्याणी मां
अमूल्य नगीना तू ही बहना

उठ जाग निडर हो जीना सीखो
औरों को भी जीवन देना सीखों

🌿🌿🌷✍️🌷🌿🙏🌿👏

तारकेश्‍वर प्रसाद तरुण

Language: Hindi
104 Views
Books from तारकेश्‍वर प्रसाद तरुण
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