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6 May 2024 · 1 min read

बहके जो कोई तो संभाल लेना

बहके जो कोई तो संभाल लेना
फिर चाहे अपना हो या हो पराया
चंद मुस्कान रोशन कर देना
फिर चाहे अपना हो या पराया

सिसकने नहीं देना किसी को भी
फिर चाहे अपना हो या पराया
भर देना उनकी जिन्दगी सितारों से
फिर चाहे अपना हो या पराया

कुछ पुष्प खिला देना उनके आँगन में
फिर चाहे अपना हो या पराया
जीत जाएँ वो भी अपनी जिन्दगी की जंग
फिर चाहे अपना हो या पराया

मुफलिसी से बचा लेना उनको
फिर चाहे अपना हो या पराया
पीड़ा से मुक्त कर देना उनको
फिर चाहे अपना हो या पराया

फिर चाहे अपना हो या पराया
फिर चाहे अपना हो या पराया

अनिल कुमार गुप्ता “अंजुम”

Language: Hindi
1 Like · 123 Views
Books from अनिल कुमार गुप्ता 'अंजुम'
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