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10 Jul 2023 · 1 min read

बस सफर आये…….

तेरी दीवानगी का यार कुछ ऐसा असर आये,
मैं देखूँ चाँद खिड़की पर तेरा चहरा नज़र आये,

इबादत में झुके हैं सर,उठे हैं हाथ चाहत में,
नही कुछ भी खबर कब शाम बीते कब फ़ज़र आये,

बड़ा कुछ सोच निकले आज थे उसकी गली से हम
जो गुज़रे,बस गुज़रते ही गए और बस गुज़र आए,

ये कैसी चाहतों का सिलसिला सा चल रहा अंकुर,
निगाहें मंज़िलें तकती रहीं और बस सफर आये।

Language: Hindi
1 Like · 2 Comments · 184 Views

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