बस यूँ ही
खामखां फासले ये बढ़ाए क्यूं नीलम
वो हर सांस बन,दिल से लिपटा हुआ है।
तुम लिपटकर सीने से,हो खंजर घुसाते,
तेरी जफाओं का दर्द मुझमें सिमटा हुआ है।
नीलम शर्मा ✍️
खामखां फासले ये बढ़ाए क्यूं नीलम
वो हर सांस बन,दिल से लिपटा हुआ है।
तुम लिपटकर सीने से,हो खंजर घुसाते,
तेरी जफाओं का दर्द मुझमें सिमटा हुआ है।
नीलम शर्मा ✍️