” ———————————————- बस यादों में बसना ” !!
रक्षाबंधन पर्व के उपलक्ष्य में प्रस्तुत :
रेशम जैसा रिश्ता भैया , इसे बांध कर रखना !
जितना निबाह सको निभाना , बस यादों में बसना !!
मेहनत रंग लाई है ऐसी , मां को सभी सराहें !
तुमसे ही सीखा है हमने , कैसे समय परखना !!
खूब चोटियां खींची है और , तंग किया है जी भर !
प्यार में आगे रहे सर्वदा , भाव सदा यह रखना !!
पल पल की निगरानी की है , राहें सुगम बनायी !
पलकों पर बिठलाया है तो , जीवन पुलकित रखना !!
प्यार दिया है जी भर हमको , आँसूं भी पोंछें हैं !
रिश्ते ऐसे गरम रहें बस , पड़े न हमें बिलखना !!
दूजे घर से नाता जोड़ा , हमें विदाई दे दी !
पीर पराई हो ना मेरी , बार बार यह लखना !!
जिम्मेदारी ओढ़ी तुमने , मधुमासों को छोड़ा !
लक्ष्य भेदने में तुम माहिर , स्वाद जीत का चखना !!
बृज व्यास