बस यही चाहते हैं !
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शीर्षक- #बस_यही_चाहते_हैं_!
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हम तो बस यही चाहते हैं ……!
तेरे अपनो में मेरा भी नाम #शामिल हो जाये,
तुम #समझ लो और दिल का रिश्ता बन जाये,
हम तो तुमको अपने ही रंग में #रंगना चाहते हैं ।
हम तो बस…………………!
मेरे #गमों में नहीं बस खुशियों में शामिल हो जाना,
मेरी आंखें हों देख खुश वो #तश्वीर तुम बन जाना,
आपके हसीन #ख्वाबों में हम भी सजना चाहते हैं ।
हम तो बस…………………!
मेरे बिन #अल्फाजों के तुम्हें सब महसूस हो जाये,
रोऊं मैं अगर तो ‘ आंखें ‘ #तुम्हारी भी भर आये,
हम अपने #दिल की हर बात कहना चाहते हैं ।
हम तो बस…………………!
जब भी #मिलो मुझको तुम तो गले से लगा लो,
माथा चूम के तुम मेरा और खुल के #मुस्कुरा दो,
हम तो बस यूं ही #खुल कर जीना जाना चाहते हैं।
हम तो बस…………………!
अगर डगमगाऊं जब भी मैं तुम ही #सम्भालों मुझे,
कभी #उदास जो हो जाऊं तो कैसे भी हँसा दो मुझे,
हम तो हर वक्त तुम्हे मुस्कराता #देखना चाहते हैं ।
हम तो बस…………………!
सब #कुछ कह दूं तुमसे तुम भी हर बात कह दो,
मुझे हर रोज तुम बस थोड़ा सा ही वक्त दे दो,
तुमको अपने चेहरे की #मुस्कान बनाना चाहते हैं ।
हम तो बस…………………!
तुम्हारे #जिस्म से वास्ता नहीं बस रूह में बस जाऊं,
दूर रहूं मैं वेशक #तुझसे पर तेरे दिल में बस जाऊं,
जिसमें हो सब की #महक वो रिश्ता चाहते हैं ।
हम तो बस…………………!
#विश्वास_भरोसा हो इतना कि कैसा भी शक न हो,
रिश्ते की खुशबू कभी #तनिक सी भी कम न हो ,
हम आपको #आसमां में चांद पर देखना चाहते हैं
हम तो बस…………………!
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वेखॉफ शायर :-
? #राहुल_कुमार_सागर ?
? #बदायूंनी ?
【स्वरचित रचना… कॉपीराइट अधिनियम , सर्वाधिकार सुरक्षित 25/09/2020】