बस मुझे महसूस करे
##दिनांक:-14/10/2023
#शीर्षक:- बस मुझे महसूस करे
भाग:- (2)
विशेष नहीं विशिष्ट चाहिए ,
प्रतिभावान पाना चाहती हूँ।
एक कसक जो अधूरी रह गई,
इश्क के धागे में उसे पिरोना चाहती हूँ।
नहीं पीछा करना,
ना हीं प्रेम में पड़ना ,
क्योकि ये वाला हिस्सा,
बिना गम के मैं जीना चाहती हूँ।
मन खुले जिसके साथ,
खुलकर हँस सके,
ऐसा किसी के साथ होना चाहती हूँ।
दर्पण को नहीं ,
मेरे दिल को देखे,
बिन बोले सब कुछ समझ ले ,
ऐसा कोई अजीज पाना चाहती हूँ
ना करे मिन्नतें,
मिलने मिलाने का,
बस मुझे महसूस करे,
ऐसे गुमनाम का नाम जानना चाहती हूँ….|
रचना मौलिक, अप्रकाशित, स्वरचित और सर्वाधिक सुरक्षित है|
प्रतिभा पाण्डेय “प्रति”
चेन्नई