बस थोड़ा सा प्यार दे दो।
इस रंग बदलती दुनिया में,
अब इतनाअधिकार दे दो।
मुझे थोड़ी सी खुशी और,
बस थोड़ा सा प्यार दे दो।
इतनी सी चाहत है मेरी,
यूँ एक तमन्ना रखता हूँ।
खुशियाँ दे गम को ले लूँ
एक ऐसा व्यापार दे दो।
सब जन रवि से खिलें हो,
हो आश्वश्त समझ लूँ मैं।
काली रात घनेरी जब हो,
तब चंदा सा दीदार दे दो।
जनम-2का नाता पाके,
विश्वास रूह-रूह भरूँ।
हिया-हिया से जुड़े रहें,
एक ऐसा आधार दे दो।
रंग स्थिर हो मानव का,
मैं जाति धर्म के परे रहूँ।
द्वेष क्लेश जाने न कोई,
एक ऐसा संसार दे दो।
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अशोक शर्मा,कुशीनगर,उ.प्र.