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14 Mar 2019 · 1 min read

बस तू शुरुवात कर

सूरज भी हारेगा
तेरी रोशनी से
आभा प्रतिभा से तेरी
बस तू शुरुवात कर
नया कदम उठा

जो सीखा अब तक
उसे उपयोग में ला
कुछ नया कर
कुछ नया बना
अपनी सोच से
संसार को बदल
बस नई शुरुवात कर
नया कदम उठा

क्यों खुद को
कम समझता है
क्यों वंचित में
जीता है
बेचारा नही
शहंशाह है तू
बस नई शुरुवात कर
नया कदम उठा …

– आनंदश्री

Language: Hindi
1 Like · 281 Views
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