ये दुनिया सीधी-सादी है , पर तू मत टेढ़ा टेढ़ा चल।
गज़ल
22..22…22….22…..22….22….22….22
ये दुनिया सीधी-सादी है , पर तू मत टेढ़ा टेढ़ा चल।
माना तुझको आजादी है, पर तू मत टेढ़ा टेढ़ा चल।1
दुनिया में कदम रखा तूने, तब रोता रोता आया था,
अब हॅंसने का ही आदी है, पर तू मत टेढ़ा टेढ़ा चल।2
माना है नाम तेरा दीपक, सबको उजियारा देता है,
जलता तो घी औ’र बाती है, पर तू मत टेढ़ा टेढ़ा चल।3
तू गांव गली का छोरा है, तेरा यह चलन नहीं अच्छा,
वो परियों की शहजादी है, पर तू मत टेढ़ा टेढ़ा चल।4
यह इश्क मोहब्बत सुन प्रेमी, तुझको रब तक ले जाएगा,
तू तो बस इक फरियादी है, पर तू मत टेढ़ा टेढ़ा चल।5
…………✍️ सत्य कुमार प्रेमी