*बस एक विचार बदल जाने से …*
मुस्कुरा लेना ज़िंदगी में किसी ना किसी बहाने से !
ज़रूरी नहीं ज़िंदगी में आए ख़ुशी तुम्हारे बुलाने से !!
रूकती नहीं ज़िंदगी किसी के छोड़ कर जाने से !
ठहर सी जाती है दुनिया मन के हार मान जाने से !!
टूट जाते हैं रिश्ते कई झूठे अहम के टकराने से !
होते नहीं पराए ख़ून के रिश्ते ख़याल हुए पुराने से !!
अब समझता नहीं कोई यहाँ किसी के समझाने से !
अक़्ल आती है इंसान को ख़ुद ही ठोकर खाने से !!
हर कोई देखो यहाँ ख़ुद को ख़ुदा समझने लगा है !
मग़र एक सांस भी ले नहीं पाते ख़ुद के चाहने से !!
हक़ की ख़ातिर लड़ना होगा फ़रेबी इस जमाने से !
हर चीज़ मापी नहीं जाती दुनिया के बनाए पैमाने से !!
कुछ वहम बेतुके से नीलम रोकने हैं मन में आने से !
बदल जाती है दुनिया बस एक विचार बदल जाने से !!