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31 May 2024 · 1 min read

बस एक बार और………

स्वप्न स्वप्न सब भूल गया अब उम्मीदों से हारा है वह
….. कर एक प्रयास
बस एक बार और………

जैसे तैसे धैर्य जुटाकर करने लगा अगला प्रयास वह
फिर असफलता
……कर एक प्रयास
बस एक बार और………

अगले की अब चाहा नहीं है आगे दिखता रहा नहीं है
…….कर एक प्रयास
बस एक बार और………

जैसे तैसे धैर्य जुटाकर करने लगा अगला प्रयास वह …
फिर असफलता ,फिर असफलता
……कर एक प्रयास
बस एक बार और………

उम्मीदों से टूट गया वो स्वप्न भी उसका छूट गया अब
रहा से क्या लौट चलें अब……
……कर एक प्रयास
बस एक बार और………

उम्मीदों को फिर से संजोया धैर्य से बोला वह फिर…..
एक और प्रयास………
……कर एक प्रयास
बस एक बार और………

अब असफलता हार गई थी और स्वप्न भी हुआ सार्थक
सफलता का राज यही है
……कर एक प्रयास
बस एक बार और………

सफलता है या असफलता है एक कदम का फासला
….कर एक प्रयास
बस एक बार और………

✍ कवि दीपक सरल

Language: Hindi

Language: Hindi
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