— बस अपना बना लो —
मुझ को अपने दर्द का तुम
हमदर्द तो बना लो
दिल अगर खाली नहीं तो
खयालात में ही बैठा लो
सपनों में नहीं रख सको तो
अपनी अखियों में ही जगह दो
दिल मेरा कहता है..तुम
मुझ को अपना एहसास ही बना लो
दुनिआ से छुपा कर
अपने दिल की धड़कन बना लो
मुझ को इस तरह से छुपा लो
कि दिल की धड़कन बना लो
मोहोब्बत करो मुझ से ऐसी
की तुम मुझ को अपनी चाहत बना लो
धक् लो अपनी जुल्फों में ऐसे
कि मुझ को अपना संसार बना लो
मुझ को अपना चाँद और तुम चांदनी बन जाओ
खुद फूल बन जाओ, मुझ को भंवरा बना जाओ
हाथो में हाथ ऐसे रख का चलो संग मेरे
कि मुझ को अपने सफर का हम सफर बना जाओ
अजीत कुमार तलवार
मेरठ